बजरंग बाण कब और क्यों और किसे करना चाहिए? जब मुश्किल में हों प्राण, बजरंग बाण का पाठ पूरी श्रद्धा से करें। जब आप भयंकर मुसीबत से घिरे हो परेशानियों से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा हो नौकरी में भयंकर मुश्किल हो, नौकरी छूट गई हो या छूटने वाली हो तंत्र मंत्र से किसी ने बाधा पहुंचाई हो संकट में कभी भी बजरंगबाण पढ़ सकते हैं , संकट से तुरंत मुक्ति दिलाता है बजरंगबाण अगर ऐसा है तो श्री हनुमान जी का सबसे शक्तिशाली बजरंग बाण आपकी सहायता कर सकता है। कहा जाता है कि जहां बजरंग बाण का पाठ किया जाता है, वहां हनुमान जी स्वयं आ जाते हैं। बजरंग बाण क्यों है अचूक ? पवनपुत्र श्री हनुमान जी श्रीराम के भक्त हैं। आप श्रीराम का नाम लें और हनुमान जी आपकी मदद के लिए न आएं ऐसा हो ही नहीं सकता नहीं सकता, क्योंकि बजरंग बाण में हनुमान जी के आराध्य प्रभु श्रीराम की सौगंध दिलाई गई है। इसलिए जब आप श्रीराम के नाम की सौगंध उठाएंगे तो हनुमान जी आपकी रक्षा करने जरुर आएंगे। बजरंग बाण में श्रीराम की सौगंध इन पंक्तियों में दिलाई गई है- भूत प्रेत पिशाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर, इन्हें मारु, तोहिं ...
भगवान श्रीराम ने क्यों किया था पशु पक्षियों को श्राप/ Why did Lord Shri Ram curse the animals and birds?
अध्याय - २२ ( श्रीराम द्वारा पशु-पक्षियों को अभिशाप देना और उनपर अनुग्रह करना ) पम्पा सरोवर के तट पर पेड़ों की शीतल छाया थी। वहाँ लक्ष्मण की गोद में सिर रखकर श्रीरघुवीर लेटे रहे। उन्हें सीता का विरह दुख अनुभव हो रहा था। उनकी आँखों से अश्रु धारा चल रही थी। उस समय वन में पशु-पक्षी क्रीड़ा कर रहे थे और बहुत बोल रहे थे। उसे सुनकर श्रीजगदीश श्रीरघुवीर के मन में बहुत क्रोध उत्पन्न हो गया। तदनन्तर उस समय उन्होंने उन सब को शाप दिया। रघुवीर ने कहा ‘री कोयल, तुम्हारे स्वर की तान कम हो जाए। हे मृग और मृगी, एक-दूसरे का सग करते तुम्हें आखेटक मार डाले। वहाँ जो हाथी और हथनी सम्भोग कर रहे थेउनको रघुवीर ने शाप दिया और वह वात कही – ‘रे हाथी और हथनी, तुम सुनो। जब तुम सम्भोग करोगे, तब उस गजेन्द्र (हाथी) के अंग सात दिन अचेतन हो जाएँगे। उन्होंने मोर से कहा- 'तुम मुझसे लज्जा नहीं मानते अतः तुम नपुंसक हो जाओ। तब वे सिंह से बोले हे सिंहराज, सुनो। जन्म में केवल एक वार तुम्हें। समागम होगा। उन्होंने चकवा चकवी से कहा मुझ विरही को देखकर भी तुम सम्भोग का भोग कर रहे हो, तो तुम्हारा एक दूसरे से वियोग हो जाए। ऐसे ...